कुछ बात है अधूरी जो लिखे अल्फाजो में नहीं
कुछ झाझ्बात है जो दुनिया के अफसाने में नहीं
हम वो ख़यालात है जो सबको नज़र आते नहीं
एक अदृश्य साथ है जो हम सबको बताते नहीं
कुछ झाझ्बात है जो दुनिया के अफसाने में नहीं
हम वो ख़यालात है जो सबको नज़र आते नहीं
एक अदृश्य साथ है जो हम सबको बताते नहीं
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