हमीं गुमनाम अंधेरों में सिसकते रहे ,
तुम्हारे सामने आने से झिझकते रहे !
लो आज हम बेगाने भी बन बैठे ,
तुम ही सामने आने से हिचकते रहे !!
चलों गैरों ने ठुकराया था ,
आज तुमने भी तड़पाया है !
कभी थे तुम्हारे हम , ये सोच कर ,
अश्क आँखों में झलक आया है !!
जब भी ढूंढा मैंने अपने को ,
सदा खुद ही को गुम पाया है !
छिटक कर आई है चांदनी कैसी ,
दिल में न जाने क्यों अँधेरा सा छाया है !!
वक़्त ने बदली है क्या सोच कर करवट ,
उसे हम पर फिर से प्यार आया है !
चमकता चाँद है वो उन्मुक्त गगन का ,
लगता है कोई टुटा तारा, फिर नज़र आया है !!
kabhi gairo ne thukraya tha aaj tumane bhi tadpaya hai kabhi the tumhare hum ye soch kar ashk aakhon me jhalak ayya hai. really very herat touchable lines
जवाब देंहटाएं