बातों ही बातों में मोहब्बत का इशारा करके
झुकी हुयी आँखों में अदाओं का शरारा झलके
अपने हुस्न के महताब का सितारा बनके
वो हमें मनाता है रोज नया बहाना करके
झुकी हुयी आँखों में अदाओं का शरारा झलके
अपने हुस्न के महताब का सितारा बनके
वो हमें मनाता है रोज नया बहाना करके
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