बुधवार, 16 जुलाई 2014

वजूद


तुम्हारे सीने में धड़कती काश कुछ साँसे भी हमारी होती ,
दर्दे -ए - दिल में सिसकती काश दो आहें भी हमारी होतीं
लहरों की तरह उमड़ती घुमड़ती जज़्बातों की आंधी सी ,
इन खामोश लबों पर कुछ अनकही बातें भी हमारी होती !!
फकत चांदनी में तेरी नाजों अदाओं से क्या रूबरू होना
काश अंधियारों में तुम्हारे वजूद से भी पहचान हमारी होती ,
बन जाता एक और आशियाँ फूलों भरा इस दुनिया में
चंद लम्हों को ही सही काश तुम आगोश में हमारी होती !!

वक़्त के इम्तिहान में डूबकर कर ही मिलते है मोती अक्सर ,
वरना इन ठहरी हुए आँखों में खुशियों की सौगात भी हमारी होती ,
रेत की मानिंद हथेली से फिसलती रही तकदीर अक्सर ,वरना
छुईमुई संगमरमरी सी तुम्हारी काया पर तहरीर भी हमारी होतीं !!
Photo: तुम्हारे सीने में धड़कती काश कुछ साँसे भी हमारी होती ,
दर्दे -ए - दिल में सिसकती काश दो आहें भी हमारी होतीं,
लहरों की तरह उमड़ती घुमड़ती जज़्बातों की आंधी सी ,
इन खामोश लबों पर कुछ अनकही बातें भी हमारी होती  !!

फकत चांदनी में तेरी नाजों अदाओं से क्या रूबरू होना  
काश अंधियारों में तुम्हारे वजूद से भी पहचान हमारी होती  ,
बन जाता एक और आशियाँ फूलों भरा इस दुनिया में 
चंद लम्हों को ही सही काश तुम आगोश में हमारी होती !!

वक़्त के इम्तिहान में डूबकर कर ही मिलते है मोती अक्सर  ,
वरना इन ठहरी हुए आँखों में खुशियों की सौगात भी हमारी होती ,
रेत की मानिंद हथेली से फिसलती रही तकदीर अक्सर ,वरना 
छुईमुई संगमरमरी सी तुम्हारी काया पर तहरीर भी हमारी होतीं !!
k sapna

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