शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

Wo-Ek Ladki




वो मेरे विचारों पर मरती है ,
वो मेरे ख्यालात पर हँसती है
ना जाने कैसी लड़की हैं ,
मुझे खोने से डरती है

वो मेरे ज़ज़्बात समझती है ,
मेरे अरमानों में पलती  है
वो मुझमे उन्माद जागती है,
 मुझपर सब कुछ लुटाती  है

मैं जब मिलने को कहता हूँ,
यही हर बार कहती है
सुनो मैं ना आऊँ तो ,
अगर तुमको युहीं तडपाऊ तो

क्या प्यार तब भी करोगे,
क्या इंतज़ार तब भी  करोगे
क्या एतबार तब भी करोगे,
इज़हारे-हाल तब भी करोगे  

मुझे बस याद है इतना,
वो मुझसे प्यार करती है
मुझ पर दिलो -जान से मरती है,
पर मुझे खोने से डरती है  

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