तुम मेरे बन कर रहो या गैर के
ये भी क्या दोस्ती आधी इधर आधी उधर
मांग जब तुमने निकली गेसुओं के दरमियाँ
रात दो टुकड़े हुए आधी इधर आधी उधर
आँख जब तुमने उठाई बादलों के शोर पर
बिजलियाँ गिराने लगी आधी इधर आधी उधर
सोचता हूँ
मेरी कब्र हो कुछ इस तरह ,
हो तेरे दोनों तरफ आधी इधर आधी उधर
ये भी क्या दोस्ती आधी इधर आधी उधर
मांग जब तुमने निकली गेसुओं के दरमियाँ
रात दो टुकड़े हुए आधी इधर आधी उधर
आँख जब तुमने उठाई बादलों के शोर पर
बिजलियाँ गिराने लगी आधी इधर आधी उधर
सोचता हूँ
मेरी कब्र हो कुछ इस तरह ,
हो तेरे दोनों तरफ आधी इधर आधी उधर
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